निर्माण के 30 साल पूरे...प्रखंड को नहीं मिला अपना भवन
गौड़ाबौराम प्रखंड मुख्यालय का अपने प्रखंड क्षेत्र में संचालन हो इसके लिए कई साल से जद्दोजहद चल रहा है। लेकिन इसका निराकरण आज तक नहीं हुआ है। कई बार इसको लेकर जिला से लेकर प्रखंड के अधिकारियों के साथ हुए इस बैठक में फिर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। जानकारी के मुताबिक बैठक में न्यायालय के निर्णय के साथ पहुंचे पक्ष को 4 महीने में भूमि अधिग्रहण का कार्य समाप्त करने और मुख्यालय के स्थाई भवन बनने के बाद बौराम में संचालित करने का निर्णय सुनाया गया। लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं दिखाई दे रही है। 22 सितंबर 1994 को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर घनश्यामपुर और बिरौल से 13 पंचायत को अलग कर गौड़ाबौराम प्रखंड बनाया गया। स्थापना के 29 साल बाद भी प्रखंड मुख्यालय का संचालन प्लस टू ओमकार उच्च विद्यालय के हरिजन छात्रावास में किया जा रहा है।
बहुत सीमित स्थान होने के कारण प्रखंड से जुड़े कई कार्यालय अलग-अलग स्थानों पर चलाए जा रहे हैं। बाल विकास परियोजना का कार्यालय बिरौल के डुमरी जीरो माईल में स्थित एक नीजि मकान में चलाया जा रहा है। वहीं एमओ, बीएओ, बीसीओ जैसे अधिकारी का कहीं कार्यालय कहां यह आज तक किसी को नहीं पता। राह चलते हुए कहीं मिल गए तो ठीक वरना ढूंढना मुश्किल।
इस तरह सुविधाजनक माहौल में रहकर आम लोगों के दुखदर्द से मतलब नहीं रखने वाले अधिकारी भी चाहते हैं कि स्थिति यथावत रहे। जीर्णशीर्ण हो चुके हरिजन छात्रावास में 9 कमरा है। 1 कमरा अंचल गार्ड के आवास में तब्दील है। इस तरह महज 8 कमरे में प्रखंड मुख्यालय को सहजता से चलाया जा रहा है। कई साल से बौराम के पूर्व मुखिया मोतीऊर रहमान अधिसूचना के आधार पर मुख्यालय को बौराम में चलाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। साल 2020 में प्रखंड मुख्यालय भवन के निर्माण के लिए अधिकारियों ने सजगता दिखाई लेकिन जमीन अधिग्रहण के दौरान मूल्यांकन का मामला फंस गया। इसके बाद यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अधिकारियों द्वारा कभी भी यह प्रयास नहीं किया गया कि वर्तमान में संचालित होने वाले स्थान से बेहतर अगर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कोई अन्य भवन है तो उसमें प्रखंड मुख्यालय का संचालन किया जाए। वर्तमान में भी प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कन्हई पंचायत सरकार भवन पर प्रखंड मुख्यालय का संचालन किया जा सकता है जो कि बौराम से महज 1 किमी पश्चिम है। अगर छात्रावास में ही चलाया जाना है तो इस कच्चे और जर्जर हो चुके हरिजन छात्रावास से बेहतर बौराम में अल्पसंख्यक छात्रावास है।
कोठराम उवि छात्रावास जैसा खाली परा हुआ भवन मौजूद है मगर अफसरशाही माहौल में अधिकारियों के हितों को देखते हुए प्रखंड मुख्यालय बिरौल के उस कच्चे भवन में चलाया जा रहा है जहां कभी भी प्रखंड और अंचल का सारा रिकॉर्ड नष्ट हो सकता है। मकान कभी भी ध्वस्त हो सकता है और बारिश के पानी से एक भी कमरा सुरक्षित नहीं है।
प्रखंड मुख्यालय के कर्मी सगुनी पासवान ने बताया की ओमकार उच्च विद्यालय के छात्रावास में प्रखंड और आंचल दोनों कार्यालय संचालित हो रहा है। स्थिति तो जर्जर बनी हुई है। भवन बनना चाहिए लेकिन एक गौरबौरम में ऐसा प्रखंड है जिसके पास अभी तक कोई भवन नहीं है और आश्चर्य की बात यह है कि यह विधानसभा भी है।
दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
Mar 27 2024, 18:53